Udit Narayan: बिहार के छोटे से गांव से सुरों के बादशाह बनने तक: उदित नारायण के संघर्ष की प्रेरणादायक कहानी,DOWNLANE THE MEMORY OF STRUGGLE DAYS STORY OF UDIT NARAIN BY FRIENDS & NEIGHBOURS || SAREGAMAPA 2023,हैप्पी बर्थडे उदित नारायण: छोटे शहर का लड़का बना महान गायक, जानें उनके मशहूर गाने,Udit Narayan Birthday: बिहार के छोटे से गांव से कैसे सुरों के बादशाह बन गए उदित नारायण, पढ़िए उनके संघर्ष की पूरी कहानी |
बॉलीवुड के मशहूर प्लेबैक सिंगर उदित नारायण का उम्र 69 साल के हो गए है, उदित नारायण झा का जन्म 1 दिसंबर 1955 को हुआ था |

Udit Narayan (1 दिसंबर 2024) से फैंस के दिलों में राज कर रहे हैं। उनका जीवन संघर्ष, जुनून और सफलता की ऐसी मिसाल है जो हर किसी को प्रेरित करती है।
आइए जानते हैं, कैसे बिहार के एक छोटे से गांव से निकलकर वे हिंदी सिनेमा के “सुरों के बादशाह” बने उदित नारायण ।
उदित नारायण का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
उदित नारायण झा का जन्म 1 दिसंबर 1955 को बिहार के सुपौल जिले के एक छोटे से गांव में हुआ।
उनके पिता हरेकृष्ण झा (नेपाली नागरिक) एक किसान थे, जबकि मां भुवनेश्वरी देवी (भारतीय नागरिक) लोक गायिका थीं।
उनकी मां के संगीत प्रेम ने बचपन से ही उदित को गाने के लिए प्रेरित किया।
शिक्षा की बात करें तो उन्होंने सुपौल के जागेश्वर हाई स्कूल से दसवीं तक पढ़ाई की और नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय से इंटरमीडिएट किया।
हालांकि, संगीत का जुनून उन्हें पढ़ाई से ज्यादा खींचता था।
Table of Contents
उदित नारायण के संगीत की शुरुआत: नेपाल में मिला पहला मौका
बचपन से ही मंचों पर गाने वाले उदित नारायण को शुरुआत में सही मंच नहीं मिला। नेपाल में एक कार्यक्रम के दौरान उन्हें मैथिली गीत “सुन-सुन-सुन पनभरनी गे तनी घुरीयो के ताक” गाने का मौका मिला, जो श्रोताओं को खूब पसंद आया।

इसके बाद 1971 में काठमांडू रेडियो पर उनका पहला गाना प्रसारित हुआ, जिसने उनके करियर को एक नई दिशा दी।
उदित नारायण के मुंबई में संघर्ष: 100 रुपये महीने की नौकरी
संगीत को करियर बनाने का सपना लेकर उदित नारायण मुंबई पहुंचे, लेकिन शुरुआती दिनों में उन्हें भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
एक होटल में वह 100 रुपये महीने की नौकरी करते हुए भी उन्होंने संगीत सीखना नहीं छोड़ा।
उन्होंने भारतीय विद्या भवन से शास्त्रीय संगीत की ट्रेनिंग ली, जिससे उनकी आवाज में निखार आया।
उदित नारायण की पत्नी दीपा का साथ: प्रेम और विश्वास
उदित के संघर्ष के दिनों में उनकी पत्नी दीपा ने उनका साथ दिया।

उदित नारायण की पत्नी दीपा ने न सिर्फ उन्हें भावनात्मक समर्थन दिया, बल्कि एक संगीत निर्देशक से उन्हें गाने का मौका दिलाने के लिए अपनी पूरी जमा पूंजी तक लगाने की पेशकश की। यही विश्वास उदित के लिए मजबूती बना।
उदित नारायण का बॉलीवुड में पहला ब्रेक और सफलता
उदित नारायण को 1980 में फिल्म ‘उन्नीस बीस’ के गाने “मिल गया” से उदित को बॉलीवुड में पहला ब्रेक मिला।
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इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। “पहली नजर में”, “तुझे देखा तो”, “जादू तेरी नजर” जैसे गानों ने उन्हें फेमस कर दिया।
उनकी आवाज ने 90 के दशक में बॉलीवुड को नई रूहानियत दी।
उदित नारायण के कुछ मशहूर गाने हैं?
उदित नारायण के कुछ मशहूर गाने:-

- “पहली नजर में” (दिल है कि मानता नहीं)
- “तुझे देखा तो ये जाना संसार” (दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे)
- “जादू तेरी नजर” (दुष्मन)
- “चाँद छुपा बादल में” (हम आपके हैं कौन)
उदित नारायण की उपलब्धियां और विरासत
- उदित नारायण को 5 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड और राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- उदित नारायण को 2009 में पद्म श्री और 2016 में पद्म भूषण से नवाजे गए |
- नेपाल और भारत दोनों देशों में संगीत के प्रतीक के रूप में पहचान।
उदित नारायण की यह कहानी साबित करती है कि मेहनत, लगन और विश्वास से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।
आज भी उनकी मधुर आवाज लाखों दिलों की धड़कन बनी हुई है।
उदित नारायण के जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को समझने, उनकी कहानी सिखाती है कि सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष और समर्पण जरूरी हैं।
FAQ
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उदित नारायण का जन्म और प्रारंभिक जीवन कहाँ बीता?
उदित नारायण का जन्म 1 दिसंबर 1955 को बिहार के सुपौल जिले के एक छोटे से गांव में हुआ।
उनके पिता हरेकृष्ण झा (नेपाली नागरिक) एक किसान थे, जबकि मां भुवनेश्वरी देवी (भारतीय नागरिक) लोक गायिका थीं।
उनकी प्रारंभिक शिक्षा सुपौल के जागेश्वर हाई स्कूल और नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय से हुई हैं।
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उदित नारायण को संगीत की दुनिया में उनका पहला मौका कैसे मिला?
उदित नारायण को संगीत की दुनिया में उनका पहला मौका नेपाल में एक कार्यक्रम के दौरान उन्हें मैथिली गीत “सुन-सुन-सुन पनभरनी गे तनी घुरीयो के ताक” गाने का अवसर मिला।
इसके बाद 1971 में काठमांडू रेडियो पर उनका पहला गाना प्रसारित हुआ, जिसने उनके करियर को आगे बढ़ाने में मदद की।
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मुंबई आकर उदित नारायण को किन संघर्षों का सामना करना पड़ा?
उदित नारायण को मुंबई में उन्होंने एक होटल में 100 रुपये महीने की नौकरी की।
आर्थिक तंगी के बावजूद, उन्होंने भारतीय विद्या भवन से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा जारी रखी।
इस दौरान उन्हें कई असफलताओं और निराशाओं का सामना करना पड़ा।
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बॉलीवुड में उन्हें पहला ब्रेक किस फिल्म से मिला?
उदित नारायण को 1980 में रिलीज हुई फिल्म ‘उन्नीस बीस’ के गाने “मिल गया” से बॉलीवुड में पहला ब्रेक मिला।
इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
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पत्नी दीपा ने उनके करियर में क्या भूमिका निभाई?
उदित नारायण कि दीपा (उनकी पत्नी) ने उनके संघर्ष के दिनों में भावनात्मक और आर्थिक सहयोग दिया।
उन्होंने एक संगीत निर्देशक से कहा कि अगर उदित गाना गाएंगे, तो वह अपनी जमा पूंजी लगा देंगी। यह विश्वास उदित के लिए प्रेरणा बना।
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उदित नारायण के कुछ मशहूर गाने कौन-से हैं?
उदित नारायण के कुछ मशहूर गाने:-
“पहली नजर में” (दिल है कि मानता नहीं)“तुझे देखा तो ये जाना सनम” (दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे)
“जादू तेरी नजर” (दुष्मन)
“चाँद छुपा बादल में” (हम आपके हैं कौन)
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उदित नारायण को किन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया?
5 फिल्मफेयर अवॉर्ड और राष्ट्रीय पुरस्कार।
2009 में पद्म श्री और 2016 में पद्म भूषण से सम्मानित।
नेपाल सरकार द्वारा “नेपाल तारा” सम्मान। -
उदित नारायण की सफलता का मूल मंत्र क्या है?
उदित नारायण का मानना है कि लगन, मेहनत और विश्वास से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।
उन्होंने कभी हार नहीं मानी और संगीत के प्रति अपने जुनून को ही सफलता की कुंजी बताया।