Arunita Kanjilal और Pavandeep ने अपना खुद का गाना ऐसा गया कि इंटरनेट पे तहलका मचा दिया है, आप भी सुने…

अरुणिता कंजीलाल और पवनदीप राजन का मधुर गीत ‘प्यारी जन्मभूमि मेरो पहाड़’ सुनें। पहाड़ों की मिट्टी की खुशबू, मदन डुकलन के बोल, और युवराज वर्मा के विजुअल्स का जादू। जानिए कैसे यह गीत बना संगीत का अनमोल टुकड़ा!, Arunita Kanjilal और Pavandeep ने अपना खुद का गाना ऐसा गया कि इंटरनेट पे तहलका मचा दिया है, आप भी सुने… 

भारतीय संगीत की दुनिया में एक बार फिर ताज़गी भर देने वाला गीत “प्यारी जन्मभूमि मेरो पहाड़” सुनने को मिला है। अरुणिता कंजीलाल और पवनदीप राजन की मधुर आवाज़ में ढला यह गीत सिर्फ एक गाना नहीं, बल्कि पहाड़ों की सादगी, उनकी विरासत, और जन्मभूमि के प्रति अटूट प्यार का संगीतमय चित्रण है। 

मदन डुकलन के बेहतरीन बोल, पवनदीप का संगीत, और युवराज वर्मा की निर्देशन कला ने इसे एक यादगार कृति बना दिया है।  

अरुणीता काँजीलाल और पवनदीप ने क्या गीत गया जिसे आप बिना हेडफोन के सुन ही नहीं पाएंगे …
अरुणीता काँजीलाल और पवनदीप ने क्या गीत गया जिसे आप बिना हेडफोन के सुन ही नहीं पाएंगे …

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पहाड़ों की धड़कन: प्यारी जन्मभूमि गीत का सार

“प्यारी जन्मभूमि…” की शुरुआत ही फ्लूट और गिटार के मधुर संगम से होती है, जो श्रोता को सीधे उत्तराखंड या हिमाचल के हरे-भरे पहाड़ों की वादियों में ले जाती है। 

अरुणिता की कोमल आवाज़ और पवनदीप का गहरा स्वर मानो प्रकृति और मनुष्य के बीच का रिश्ता गाते हैं। गीत के बोल सीधे दिल को छू लेते हैं—”ये ऊंचे शिखर, ये नीले आसमान, यहीं बसता है मेरा अरमान।” यह गीत उन सभी के लिए एक श्रद्धांजलि है जो अपनी जड़ों से जुड़े हैं।  

Arunita Kanjilal और Pavandeep जैसे कलाकारों का जुगलबंदी: आवाज़ों का मेल

अरुणिता कंजीलाल, जिन्हें “इंडियन आइडल” से पहचान मिली, और पवनदीप राजन, “द वॉयस” के चर्चित प्रतिभागी, इस गीत में एकदम सुरीले तालमेल में नज़र आते हैं। 

दोनों ने पहले भी “छोड़ के ना जाना” जैसे गीतों से लोगों का दिल जीता है, लेकिन यह ट्रैक उनकी परिपक्वता को दर्शाता है। पवनदीप ने न सिर्फ गाया बल्कि संगीत संयोजन और पर्कशन जैसे वाद्यों में भी अपना जादू बिखेरा है।  

दृश्य-श्रव्य का जादू या कहे युवराज वर्मा की दृष्टि

निर्देशक युवराज वर्मा और DOP रोहन कप्री ने गीत को विजुअल्स के जरिए एक कविता में तब्दील कर दिया है। 

शूटिंग लोकेशन्स में पहाड़ी नदियाँ, झरने, और स्थानीय संस्कृति की झलकियाँ गीत के भाव को और गहरा करती हैं। झरना जाना के डिज़ाइन किए पारंपरिक परिधानों ने दृश्यों में रंग भर दिए हैं।  

Arunita Kanjilal और Pavandeep के संगीत का विज्ञान या कहे टीम का समर्पण

यह गीत सिर्फ भावनाओं का ही नहीं, बल्कि टेक्निकल परफेक्शन का भी उदाहरण है। एडी म्यूज़िक के प्रोग्रामिंग, परास रोरियाल के गिटार, और तेजस के फ्लूट ने गीत को मल्टी-लेयर बनाया है। 

मिक्सिंग और मास्टरिंग का काम रूपजीत (प्लेहेड स्टूडियो) ने इतनी बारीकी से किया कि हर वाद्य और स्वर साफ़ गूंजता है।  

Arunita Kanjilal और Pavandeep का प्रेरणा और समर्पण

गीत के अंत में “इन्स्पायर्ड बाय अकनिम्स” और “स्पेशल थैंक्स रुहान भारद्वाज” का ज़िक्र है, जो बताता है कि यह क्रिएटिव टीम अपने पूर्ववर्तियों से प्रेरित होकर नया प्रयोग कर रही है। 

म्यूज़िक पाई और अग्निम्स जैसे लेबल्स ऐसे ही प्रयोगों को मंच दे रहे हैं।  

प्यारी जन्मभूमि Arunita Kanjilal और Pavandeep का क्यों सुनें यह गीत? 

आज के दौर में जहां रीमिक्स और पश्चिमी बीट्स का बोलबाला है, “प्यारी जन्मभूमि…” अपनी सादगी और भावुकता से अलग खड़ा है। 

यह गीत न सिर्फ पहाड़ों से प्यार करने वालों, बल्कि उन सभी के लिए है जो अपनी मिट्टी की खुशबू को याद करते हैं।  

निष्कर्ष

म्यूज़िक पाई के इस प्रयास ने एक बार फिर साबित किया है कि अच्छा संगीत वही है जो दिल से निकले और दिल तक पहुँचे। 

तो अगर आपने अभी तक यह गीत नहीं सुना, तो जल्दी से हेडफोन लगाएं और पहाड़ों की इस मधुर गाथा में खो जाएँ। क्योंकि, जैसे गीत कहता है—”यहीं है स्वर्ग, यहीं है अपनापन।” 🎶

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FAQ 

गीत “प्यारी जन्मभूमि मेरो पहाड़” की रचना का मुख्य उद्देश्य क्या है?

गीत पहाड़ों की सुंदरता, स्थानीय संस्कृति और जन्मभूमि के प्रति प्रेम को समर्पित है। मदन डुकलन के बोल और पवनदीप के संगीत ने इसे एक ऐसी संगीतमय यात्रा बनाया है जो श्रोताओं को प्रकृति और अपनी जड़ों से जोड़ती है।  

पवनदीप राजन ने इस गीत में किन भूमिकाओं में योगदान दिया?

पवनदीप राजन न केवल गायक के रूप में, बल्कि संगीत संयोजन, पर्कशन वाद्यों के साथ-साथ प्रोग्रामिंग में भी सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने गीत के टेक्निकल पक्ष को भी अपने अनुभव से समृद्ध किया।  

गीत के विजुअल्स को इतना आकर्षक बनाने में किसकी भूमिका प्रमुख रही?

निर्देशक युवराज वर्मा और DOP रोहन कप्री ने पहाड़ी नदियों, झरनों और स्थानीय परिधानों (झरना जाना द्वारा डिज़ाइन) को फ़िल्माया, जिससे गीत का भाव और दृश्य दोनों मनमोहक बन पड़े।  

इस प्रोजेक्ट को म्यूज़िक पाई लेबल ने क्यों चुना?

म्यूज़िक पाई लेबल भारतीय लोक संगीत और आधुनिकता के फ्यूजन को बढ़ावा देता है। “प्यारी जन्मभूमि…” में फ्लूट, गिटार और पारंपरिक स्वरों का मेल इसी विजन को पूरा करता है, जो इसे लेबल के लिए एक आदर्श चयन बनाता है।

गीत में इस्तेमाल हुए पारंपरिक वाद्ययंत्रों के नाम बताएँ।

इस गीत में फ्लूट (तेजस), गिटार (परास रोरियाल), बास (हिमांशु), पर्कशन (कमलेश सगाथिया और पवनदीप), और कीबोर्ड (माधब देका) जैसे वाद्यों का उपयोग किया गया है, जो पहाड़ी संगीत की मिट्टी की खुशबू को जगाते हैं। 

“इन्स्पायर्ड बाय अकनिम्स” का जिक्र क्यों किया गया है?

अकनिम्स (Aqnims) एक प्रसिद्ध संगीत समूह है जो पहाड़ी लोक संगीत को आधुनिक अंदाज़ में पेश करता है। इस टीम ने उनसे प्रेरणा लेकर गीत में पारंपरिक और कंटेम्पररी धुनों का फ्यूजन किया है।  

गीत के टाइटल “प्यारी जन्मभूमि मेरो पहाड़” का क्या महत्व है?

यह टाइटल पहाड़ों के प्रति गहरे लगाव और जन्मभूमि की मिट्टी से जुड़ाव को दर्शाता है। गीत के बोलों में पहाड़ों को “स्वर्ग” और “अपनापन” का प्रतीक बताया गया है, जो शहरी जीवन से दूर प्रकृति की शुद्धता को Celebrate करता है।  

सोशल मीडिया पर इस गीत को कैसी प्रतिक्रिया मिली?

गीत रिलीज़ होते ही इंटरनेट पर वायरल हो गया। YouTube और Instagram पर 33K+ लाइक्स, 2K+ कमेंट्स और 500+ शेयर्स के साथ श्रोताओं ने इसे “दिल को छू लेने वाला” और “पहाड़ों की आवाज़” बताया। फैंस अरुणिता-पवनदीप के जुगलबंदी और विजुअल्स की तारीफ कर रहे हैं।  

गीत की रिकॉर्डिंग और मिक्सिंग कहाँ हुई? 

इस गीत को “प्लेहेड स्टूडियो” में रिकॉर्ड किया गया और रूपजीत ने मिक्सिंग व मास्टरिंग का काम संभाला। स्टूडियो की तकनीकी उत्कृष्टता ने गीत की ध्वनि को पॉलिश्ड और प्रोफेशनल बनाया। 

क्या यह गीत पहाड़ी पर्यटन को बढ़ावा देने में मददगार हो सकता है?

बिल्कुल! गीत के विजुअल्स में दिखाई गई पहाड़ियों की प्राकृतिक सुंदरता और संस्कृति दर्शकों को इन इलाकों की यात्रा के लिए प्रेरित कर सकती है।

यह गीत पर्यटन को प्रोत्साहित करने वाले संगीत की तरह एक सांस्कृतिक एम्बेसडर की भूमिका निभा रहा है।  

गीत में झरना जाना के कॉस्ट्यूम डिज़ाइन का क्या योगदान है? 

झरना जाना ने पारंपरिक पहाड़ी परिधानों को आधुनिक स्टाइल में डिज़ाइन किया, जिससे विजुअल्स में स्थानीय संस्कृति की झलक मिलती है। यह कपड़े गीत के भाव को और प्रामाणिक बनाते हैं।  

क्या अरुणिता और पवनदीप भविष्य में ऐसे ही सांस्कृतिक गीतों पर काम करने की योजना बना रहे हैं? 

हालांकि अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन इस गीत की सफलता और दर्शकों की प्रतिक्रिया को देखते हुए संभावना है कि यह जोड़ी भविष्य में और भी पारंपरिक-आधुनिक फ्यूजन प्रोजेक्ट्स लेकर आएगी।  

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